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क्या है? बाबा केदारनाथ जाने का राज। क्यों जाते सभी लोग। जानिए पूरी जानकारी।

केदारनाथ मंदिर, भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित एक महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ स्थल है। 



यह भगवान शिव को समर्पित है और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। केदारनाथ मंदिर के बारे में कुछ रोचक बातें इस प्रकार हैं: 

पांडवों द्वारा खोजा गया:

कहा जाता है कि केदारनाथ मंदिर की खोज पांडवों ने की थी, जो अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव की तलाश में यहां आए थे। 

केदारनाथ धाम मंदिर 


12 ज्योतिर्लिंगों में से एक:

केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो भगवान शिव के प्रमुख मंदिर हैं। 

पंच केदार का हिस्सा:

केदारनाथ मंदिर पंच केदार तीर्थ स्थलों में से एक है, जो भगवान शिव को समर्पित पांच मंदिर हैं। 

आदि शंकराचार्य द्वारा पुनर्निर्माण:

आठवीं शताब्दी ईस्वी में आदि गुरु शंकराचार्य ने केदारनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था। 

भैरवनाथ मंदिर:

केदारनाथ मंदिर के पास भैरवनाथ मंदिर भी है, जो भगवान शिव के उग्र रूप भैरवनाथ को समर्पित है। 

कन्नड़ भाषा में अनुष्ठान:

केदारनाथ मंदिर में सभी अनुष्ठान कन्नड़ भाषा में किए जाते हैं। 

बीम शिला:

2013 की उत्तराखंड बाढ़ के दौरान, एक बड़ी चट्टान ने मंदिर को बाढ़ के पानी से बचाया था, जिसे "भीम शिला" कहा जाता है। 

ऊंचाई:

केदारनाथ मंदिर 3,583 मीटर (11,755 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। 

कपाट बंद होने का समय:

सर्दियों के दौरान, केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं, और इस दौरान मंदिर की रक्षा भैरवनाथ द्वारा की जाती है। 

गौरी कुंड:

केदारनाथ यात्रा गौरी कुंड से शुरू होती है, जहां माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए तपस्या की थी। 

यह वीडियो केदारनाथ धाम के इतिहास और रहस्य के बारे में बताता है:केदारनाथ मंदिर उत्तरी भारत के पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है, जो समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊँचाई पर मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है। इस क्षेत्र का ऐतिहासिक नाम "केदार खंड" है। केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड में चार धाम और पंच केदार का एक हिस्सा है और भारत में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।केदारनाथ धाम की एक कथा बहुत प्रचलित है, जो महाभारत से जुड़ी बताई जाती है. कथा के मुताबिक महाभारत युद्ध के बाद, सभी पांडव और महारानी द्रौपदी को हमेशा अपने परिजनों को मारने का पश्चाताप होता था. ऋषियों ने उन्हें सलाह दी कि इस दुख से मुक्ति के लिए महादेव शिव की शरण में शांति तलाशनी होगी.केदारनाथ के चारों ओर चार मंदिर हैं, जिनके नाम हैं- तुंगनाथ, रुद्रनाथ, मध्यमहेश्वर और कल्पेश्वर जो पंच केदार तीर्थ स्थल हैं। केदारनाथ मंदिर के अंदर पहले हॉल में पाँच पांडव भाइयों, कृष्ण, शिव के वाहन नंदी और शिव के रक्षकों में से एक वीरभद्र की मूर्तियाँ हैं।

केदारनाथ में स्वर्ग से हवा आती है क्या?

जहाँ स्वर्ग से हवा आती है वही तो केदारनाथ है।

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लाभ

ऐसी मान्यता है कि केदारनाथ के दर्शन करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। साथ ही, इस मंदिर के दर्शन करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आने लगती है। यह भी कहा जाता है कि केदारनाथ मंदिर के दर्शन करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।


क्या केदारनाथ में सांस लेना मुश्किल है?

क्या केदारनाथ में ऑक्सीजन सचमुच कम है? हां, केदारनाथ में ऑक्सीजन का स्तर 3,583 मीटर की ऊंचाई के कारण लगभग 40% कम हो जाता है। हवा पतली है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है - खासकर बुजुर्गों, हृदय रोगियों या अस्थमा या फेफड़ों की समस्याओं वाले किसी भी व्यक्ति के लिए।


केदारनाथ की प्रसिद्ध चीज़ क्या है?

प्रतिष्ठित मंदिर के अलावा, केदारनाथ में करने के लिए कई अन्य बेहतरीन चीजें हैं। वासुकी ताल तक ट्रेक करें, भैरवनाथ मंदिर तक पैदल चलें या गांधी सरोवर में शांति का आनंद लें। मंदिर के पीछे सूर्योदय देखना न भूलें या शंकराचार्य समाधि पर जाएँ। प्रकृति प्रेमियों के लिए, केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य एक बेहतरीन जगह है।